सुनीता कम्बोज प्रकाशित कृतियाँ : 1. अनभूति (काव्य-संग्रह), 2. किनारे बोलते हैं (ग़ज़ल-संग्रह), 3. हर बात गुलाबी है (माहिया छंद संग्रह), 4. महकी भोर (हाइकु, ताँका, चोका, सेदोका, क्षणिका संग्रह) 5. चलना तेरी ओर(गीत संग्रह) 6. हाइगा-कृति(हाइगा-संग्रह)7. लाल गुब्बारा(शिशुगीत संग्रह) 8. छुपन-छुपाई(बालगीत संग्रह) 8, बाल मन की उड़ान (बालगीत संग्रह) राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में रचनाओं का अनवरत प्रकाशन । देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित ।
Saturday, June 9, 2018
Monday, June 4, 2018
पर्यावरण दिवस पर विषय
5 जून पर्यावरण दिवस ...यह प्रण दिवस है ।आज हमें खुद को और आने वाली पीढ़ियाँ बचाने की शपथ लेनी चाहिए। मात्र कविता रचकर और भाषण देकर नहीं,मन से इस गिरते जल स्तर ,और गन्दगी से भरी नदियों को अपने परिवार का हिस्सा समझ कर सकारात्मक प्रयास करना ही पर्यावरण दिवस है । प्रदूषण का दानव एक दिन मानव सभ्यता को निगल जाएगा ,पेड़ पौधें है तो जीवन है🌲🌲🌲🌲🌳🌳🌳🌴🌴🌴🌴🌴
आओ रोज पर्यावरण दिवस मनाएँ..जल की हर इक बून्द बचाए ..जय हिन्द
जयकरी छंद
मनमानी करता इंसान
समझ रहा खुद को भगवान
भूल गया अपनी औकात
बढ़ती जाए काली रात
कर देगा जब कुछ बर्बाद
रोज करेगा फिर फरियाद
माफ नहीं होगी ये भूल
तोड़ रहा भावों के फूल
ठोकर खाए बारम्बार
केवल खुद से करता प्यार
मिट जाएँगे सभी निशान
बात समझ ले ओ नादान
सुनीता काम्बोज 🙏🙏🙏🙏🙏
आओ रोज पर्यावरण दिवस मनाएँ..जल की हर इक बून्द बचाए ..जय हिन्द
जयकरी छंद
मनमानी करता इंसान
समझ रहा खुद को भगवान
भूल गया अपनी औकात
बढ़ती जाए काली रात
कर देगा जब कुछ बर्बाद
रोज करेगा फिर फरियाद
माफ नहीं होगी ये भूल
तोड़ रहा भावों के फूल
ठोकर खाए बारम्बार
केवल खुद से करता प्यार
मिट जाएँगे सभी निशान
बात समझ ले ओ नादान
सुनीता काम्बोज 🙏🙏🙏🙏🙏
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