Wednesday, January 5, 2022

निर्झरिणी सागर का जबसे

2 comments:

  1. सुंदर श्रृंगार भावों से सुशोभित अभिनव रचना।
    बधाई आपको।
    सस्नेह।

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  2. बहुत खूबसूरत सृजन

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थके पंछी