Wednesday, December 13, 2017

हाइकु

हाइकु 

1.
अंतिम बूँद
टकटकी लगाए
पंछी है प्यासा ।
2
जलता कंठ
छटपटाता पंछी
बूँद भी प्यासी ।
3.
ये आत्मसात
हूँ बूँद मैं सिंधु की
ये हुआ ज्ञात ।
4.
पश्चताप अब
बोझिल ये मनवा
नैन में मोती ।
5.
उद्वेलित है
पल-पल व्याकुल
पाहन मन ।
6
अनहोनी से
किसने कब खेली
आँख मिचौली ।
7.
सब सहना
 कंटक चुनकर
राह बनाना ।
8.
मनवा पाखी
ढूँढे अब तुमको
भरे उड़ान ।
-0-1
जल जाएँगे
तब नींद खुलेगी
जल के बिन ।
2
कितने दिन
तड़पेंगे ये नैना
तेरे ही बिन ।
3
धुंधलाए से
अब सारे ही रिश्ते
गूँगे बहरे ।
4
सुन विश्वास
बाँध कर रखना
अपने पास ।
5
दर्पण देख
खुद लिखना सीख
अपने लेख ।
6
बड़ा विशाल
माँ का अंतर्मन तो
गहरा ताल
7
रिश्ते बिकते
फिसलन बड़ी है
कैसे टिकते ।
8
मन का घोडा
कितना समझाया
फिर भी दौड़ा ।
9
सावन झूले
सुन्दर बचपन
कभी न भूले ।
10
मीरा जोगन
रँगा मोहन रंग
उसका मन
11
उड़ी पतंग
टूटी जब ये डोरी
लड़ी पतंग ।
12
उच्च चरित्र
सम्भव है गर हो
मन पवित्र
13
बड़ी उदासी
बिन तेरे रहती
आँखियाँ प्यासी
14
ये तन्हाई
जीवन छत पर
क्यों ऐसे छाई?

सुनीता काम्बोज 

-0-

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थके पंछी