(चित्र- गूगल से साभार ) |
बालगीत
बन्दर
की आई सरकार
शेर
गया है अबकी हार
बैठा
बन्दर
बड़ा
कलन्दर
खुश
होता है
अंदर-
अंदर
नाचे
गाए
खुशी
मनाए
जो
जीता अब
वही
सिकन्दर
चूहा
अब है थानेदार
बन्दर
की आई सरकार
हौले-
हौले
मनवा
डोले
खड़ी
गिलहरी
खिड़की
खोले
शेर
चला है
मुँह
लटकाए
अब
बेचारा
कैसे बोले
लगता
है जैसे बीमार
बन्दर
की आई सरकार
राज
मिला है
काज
मिला है
बन्दर
को अब
ताज
मिला है
कूद
रहा है
डाली-
डाली
खुशियों
का पल
आज
मिला है
उसके
गुण गाए अखबार
बन्दर
की आई सरकार
बजी
बधाई
जनता
आई
बन्दर
जी की
हुई
सगाई
बने
बराती
घोडा-
हाथी
कोयल
गाती
ज्यों
शहनाई
जंगल
में जैसे त्योहार
बन्दर
की आई सरकार
सुनीता काम्बोज
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