Sunday, August 12, 2018

तीज का गीत

सुनीता काम्बोज



सूनी - सूनी लगती है
तीज की बहार

आकर सखियाँ झूला झूले
डाली रही पुकार
कोई कजरी गीत सुना दी
अमुवा रहा निहार
सूनी-सूनी--

गुमसुम सा है आँगन सारा
ना महके घर द्वार
ना हाथों में चूड़ी खनके
ना सोलह शृंगार
सूनी- सूनी---

ढूँढे अखियाँ छन - छन पायल
चुनरी घोटेदार
सखियाँ की चंचलता में वो
मीठी सी तकरार
सूनी-सूनी---
छीन लिया है किसने सब कुछ
मन में करूँ विचार
आधुनिकता ने निगला सब
करके तीखा वार

सूनी-सूनी--
सुनीता काम्बोज
(चित्र गूगल से साभार)

1 comment:

  1. तीज की बहुत शुभकामनाएँ सखी !

    ReplyDelete

थके पंछी