ये राखी सखी सहेली है ,सन्देशा लेकर जाएगी
बहना करती है याद बड़ा ,भैया को जा बतलाएगी
कहना कि लिफाफे के अंदर
मीठी सी शिकायत भेजी हैं
बचपन की वो यादें चंचल
मिलने की हसरत भेजी है
जो खत में मैं ना लिख पाई,वो सारा हाल बताएगी
कुमकुम के अंदर नेह भरा
आशीष दुआएँ दे देना
फिर नजर उतारो जी भरकर
भैया की बल्लियाँ ले लेना
अब और किसी आस नहीं,पर तू तो साथ निभाएगी
इक और अर्ज सुन सखी जरा
सर भैया का पुचकार दियो
जब याद मुझे करके रोए
तब आसूँ पोंछ दुलार दियो कहना कि सुनीता भाई से
जल्दी ही मिलने आएगी
सुनीता काम्बोज,,©
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