Wednesday, December 13, 2017

कृष्ण भजन

(चित्र गूगल से साभार )











कृष्ण भजन 

तेरी प्यास मुझको तेरी आरजू
इधर तू ही तू हैउधर तू ही तू ।

मेरे श्याम सुंदर मेरे साँवरे
ये नैना तुम्हारें लिए बावरे
मुझे हर घड़ी है तेरी जुस्तजू ।
इधर..

ये चाहत है दिल की कभी बात हो
तुम्हारी हमारी मुलाकात हो
कभी तो मिलो और करो गुफ्तगू ।
इधर ....

निराशा में आशा कन्हैया बने
सुनीता सदा वो खेवैया बने


बचाते रहे तुम सदा आबरू ।
इधर ...

सुनीता काम्बोज 

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