(चित्र गूगल से साभार ) |
कृष्ण भजन
तेरी प्यास मुझको तेरी आरजू
इधर तू ही तू है, उधर तू ही तू ।
मेरे श्याम सुंदर मेरे साँवरे
ये नैना तुम्हारें लिए बावरे
मुझे हर घड़ी है तेरी जुस्तजू ।
इधर..
ये चाहत है दिल की कभी बात हो
तुम्हारी हमारी मुलाकात हो
कभी तो मिलो और करो गुफ्तगू ।
इधर ....
निराशा में आशा कन्हैया बने
सुनीता सदा वो खेवैया बने
बचाते रहे तुम सदा आबरू ।
इधर ...
सुनीता काम्बोज
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