Wednesday, December 13, 2017

हाइकु 

1
आए सितारे
झिलमिल धरती
दीवाली पर्व।
2
पर्व बाँटते
आनन्द की मिठास
जीवन हास।
3
नूतन लगे
हर बार दीवाली
बड़ी निराली ।
4
दूषित हवा
पटाखों का ये शोर
बढ़े बेचैनी।
5
माटी के दीप
देखो लगे हँसने
मन बसने ।
6
करती बात
अमावस की रात
नभ के साथ ।
7
दीवाली आई
मन को भी बुहारे
करे सफाई ।
-0-

सुनीता काम्बोज 

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