Friday, July 30, 2021

मैं पुष्प सुकोमल डाली का

मैं पुष्प सुकोमल डाली का
अहसान बड़ा है माली का

ये खुशबू कैसे पाई है
कैसे ये रंगत आई है
मैं क्या जानू ये भेद बड़े
 ये काम है शक्तिशाली का

जीवन की गाथा कुछ पल की
मैं फिक्र नहीं करता कल की
इससे कोई कब जीता है
सब खेल समय बलशाली का 

गर डाली से गिर जाऊँगा
फिर नूतन जीवन पाऊँगा
उसको ही जिम्मा सौंपा है
मेरी तेरी रखवाली का

सुनीता काम्बोज©
                  चित्र -साहिल काम्बोज©

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